Saturday, 25 March 2017

महत्वपूर्ण शोध संस्थान

महत्वपूर्ण शोध संस्थान♦*

*प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान* 
✅गाँधीनगर

*भारतीय रासायनिक जैविक संस्थान* 
✅कोलकाता

*केन्द्रीय काँच तथा मृतिका अनुसंधान संस्थान*
✅कोलकाता

*भारतीय मौसम वेधशाला*
✅पुणे

*राष्ट्रीय समुद्री विज्ञान संस्थान* 
✅पणजी

*केन्द्रीय तम्बाकू शोध संस्थान*
✅राजमुंदरी

*केन्द्रीय लीची अनुसन्धान केंद्र*
✅मुजफ्फरपुर

*राष्ट्रीय धातु विज्ञान प्रयोगशाला*
✅जमशेदपुर

*कोशकीय तथा आणविक जीवविज्ञान केंद्र* 
✅हैदराबाद

*केन्द्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसन्धान संस्थान* 
✅दुर्गापुर

*केन्द्रीय चावल अनुसंधान संस्थान* 
✅कटक

*केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान*
✅शिमला

*केन्द्रीय भवन निर्माण अनुसंधान संस्थान*
✅रुड़की

*केन्द्रीय वन अनुसंधान संस्थान*
✅देहरादून

*औद्योगिक विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान*
✅लखनऊ

*केंद्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान*
✅लखनऊ

*भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान*
✅नई दिल्ल

*भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान*
✅नई दिल्ली

*भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण*
✅नई दिल्ली

*केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान*
✅नई दिल्ली

*अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान*
✅नई दिल्ली

*केंद्रीय गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान*
✅कोयम्बटूर

*भारतीय चीनी तकनीकी संस्थान*
✅कानपुर

*केंद्रीय नारियल अनुसंधान संस्थान*
✅काशरगोड

*भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र*
✅ट्राम्बे

*भारतीय खगोल संस्थान* 
✅बंगलुरु

*राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान*
✅करनाल

*राष्ट्रीय भू भौतिकी अनुसंधान संस्थान*
✅हैदराबाद

*भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग*
✅कोलकाता

*केंद्रीय जूट प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान*
✅कोलकाता

*डीजल लोकोमोटिव वर्क्स*
✅वाराणसी

*भारतीय भू - चुम्बकीय संस्थान*
✅मुंबई

*केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्थान*
✅धनबाद

*केंद्रीय ईधन अनुसंधान संस्थान*
✅झरसुगोड़ा

*भारतीय लौह अनुसंधान संस्थान*
✅रांची

*केंद्रीय नमक और समुद्री रासायन अनुसंधान संस्थान*
✅भावनगर

*केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान*
✅मैसूर

*कपड़ा उद्योग अनुसंधान संस्थान*
✅अहमदाबाद

*केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान*
✅चेन्नई

*उच्च अक्षांश अनुसंधान प्रयोगशाला*
✅ गुलमर्ग

* केंद्रीय शाक-भाजी प्रजनन केंद्र*
✅ कुल्लू

* सेन्टर फॉर DNA फिंगर प्रिँटिँग एण्ड डायग्नोस्टिक्स*
✅ हैदराबाद

* केंद्रीय फसल शोध संस्थान*
✅ त्रिवेंद्रम

* केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान*
✅ नागपुर

*केंद्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान*
✅ नागपुर

* भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान*
✅ बंगलूरू

* राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र*
✅ इंदौर

* केन्द्रीय चारा बीज उत्पादन फार्म*
✅कर्नाटक में हैसरघट

Current affairs

📚 *Current Affairs* 📚
🌷  🌷

*1. तमिलनाडु ने 20 मार्च 2017 को बंगाल को कितने रन से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी पर कब्जा किया?*
a. 35 रन
b. 30 रन
c. 25 रन
d. 37 रन✅

*2. न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह ने किस राज्य के उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली?*
a. बिहार
b. केरल✅
c. झारखंड
d. पंजाब

*3. निम्न में से किस स्थान से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्ण सदस्य का दर्जा छीन लिया गया है?*
a. मुंबई✅
b. दिल्ली
c. रांची
d. इनमें से कोई नहीं

*4. अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस किस तारीख को मनाया जाता है?*
a. 20 जनवरी
b. 20 अप्रैल
c. 20 मार्च✅
d. इनमें से कोई नहीं

*5. किस खिलाड़ी को आईसीसी महिला विश्व कप 2017 के लिए यूनिसेफ के राजदूत नियुक्त किया गया?*
a. महेंद्र सिंह धोनी
b. सचिन तेंदुलकर✅
c. कपिल देव
d. इनमें से कोई नहीं

*6. सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले में निम्न में से क्या अहम टिप्पणी की?*
a. हिन्दू राम मंदिर बनाएं
b. दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं✅
c. मंदिर मस्जिद दोनों बनाएं जाएँ
d. ए और बी सही

*7. किस देश में आतंकवाद के खतरे के दृष्टिगत कुछ देशों के यात्रियों के लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ले जाने पर रोक लगा दी गयी?*
a. भारत
b. फ्रांस
c. रूस
d. अमेरिका✅

*8. उतर प्रदेश में महिला सुरक्षा और ईव टीसिंग की रोक थम हेतु सुरक्षा दल का गठन किया गया, इस दल का क्या नाम है?*
a. महिला सुरक्षा दल
b. एंटी रोमियो दल✅
c. शोहदों धरपकड़ दल
d. उपरोक्त में से कोई नहीं

*9. वर्ल्डं हैप्पी नेस रिपोर्ट 2017 के अनुसार किस देश को दुनिया का सबसे खुशहाल देश बताया गया है?*
a. पाकिस्तान
b. भारत
c. डेनमार्क✅
d. नेपाल

*10. केंद्र सरकार के नए नियम के तहत यौन शोषण की शिकार महिला कर्मचारी को कितने दिन की पेड लीव प्रदान की जाएगी?*
a. 90✅
b. 52
c. 82
d. 60

*11. किस राज्य के उच्च न्यायालय ने दो पवित्र नदियों गंगा ओैर यमुना को जीवित मानव का दर्जा दिए जाने की घोषणा की?*
a. उत्तर प्रदेश
b. उत्तराखंड✅
c. मध्य प्रदेश
d. हिमाचल प्रदेश

*12. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा वर्ष 2024 तक कितने तेजस विमान वायुसेना को सौंपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया?*
a. 110
b. 113
c. 123✅
d. 130

*13. जातीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय क्या निर्धारित किया गया?*
a. जातीय भेदभाव तथा समरूप समीकरण
b. उत्पीड़न के संदर्भ में नस्लीय रूपरेखा✅
c. सुरक्षा एवं आदर सहित जातीय एकता
d. सुरक्षा और सीमा नियंत्रण में जातीय भावना

*14. एशिया का पहला एयरबस ट्रेनिंग सेंटर कहाँ खोला गया?*
a. दिल्ली✅
b. बीकानेर
c. पुणे
d. बेंगलुरु

*15. भारत और किस देश के बीच 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट हेतु समझौता किया गया?*
a. पाकिस्तान
b. नेपाल
c. मॉरीशस✅
d. भूटान

Tuesday, 21 March 2017

विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य के सम्राट या शासक

साम्राज्य के इतिहास, विकास, वास्तु कृतियों और नवाचारों के बारे में अधिकांश जानकारी विदेशी यात्रियों के माध्यम से मिलती है। विजयनगर साम्राज्य की उत्पत्ति का वर्णन इतिहास के विभिन्न संस्करणों में किया गया है, कई इतिहासकारों का मत है कि विजयनगर साम्राज्य की स्थापना बुक्का राय प्रथम द्वारा की गयी थी जो कन्नड़ (होयसाल साम्राज्य के सेना कमांडर) थे जबकि अन्य का मानना है कि ये शासक तेलगू मूल के थे जिनका काकतीय साम्राज्य (अपने पतन के आसपास होयसाल साम्राज्य के उत्तरी भाग के नियंत्रक) के साथ संपर्क रहा था।

हालांकि इतिहासकारों का एकमत से मानना है कि दक्षिणी भारत में मुस्लिम प्रभाव से लड़ने के मकसद के साथ साम्राज्य के संस्थापको को एक श्रृंगेरी संत विद्यारण्य का समर्थन प्राप्त था क्योंकि ये मुस्लिम बार-बार दक्कन के हिंदू राज्यों पर हमला कर वहां के शासकों को पराजित कर रहे थे। मुस्लिम राज  में केवल एक ही साम्राज्य “होसयाल” शेष रह गया था। होयसाल साम्राज्य के राजा की मौत के बाद इसका विजयनगर साम्राज्य में विलय हो गया था जो 14 वीं शताब्दी से पहले एक शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में उभर कर सामने आया था।

हरिहर प्रथम को पूर्व पश्चिम समुद्रधीश्वर (पूर्वी और पश्चिमी समुद्र का प्रमुख) के रूप में जाना जाता था जिसने साम्राज्य की मजबूत नींव रखी थी और तुंगभद्रा नदी के दक्षिण में चारों ओर प्रमुख क्षेत्रों पर अपना शासन मजबूत कर लिया था। बुक्का राय प्रथम ने आर्कोट, कोडावीडु के रेड्डी बंधु,  मदुरै के सुल्तान प्रमुखों को हराकर न केवल अपने साम्राज्य का पश्चिम में बल्कि तुंगभंद्रा- कृष्णा नदी के उत्तर तक विस्तार किया तथा उसका उत्तराधिकारी बना। अनेगोंडी (वर्तमान में कर्नाटक) में साम्राज्य की राजधानी स्थापित की गयी जिसे बाद में विजयनगर स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से साम्राज्य को इसका नाम प्राप्त हुआ था।

अपनी राजसी क्षमता के साथ साम्राज्य प्रमुख रूप से दक्षिणी भारत तक फैल गया था जिसका उत्तराधिकारी हरिहर द्वितीय (बुक्का राय प्रथम का दूसरा पुत्र) था जिसने आगे चलकर अपनी साम्राज्यवादी शक्ति का पूरे दक्षिण क्षेत्र में विस्तार किया। इसके बाद साम्राज्य को देव राय प्रथम द्वारा संघटित किया गया जिसने ओड़िशा के गजपतियों को परास्त किया और साम्राज्य की सिंचाई और दुर्ग निर्माण के प्रमुख कार्यों को क्रियान्वायित किया। तत्पश्चात देव राय द्वितीय गद्दी पर आसीन हुआ जिसे संगम राजवंश का सबसे शक्तिशाली और सफल शासक के रूप में जाना जाता है। सामंती शासन की वजह आंतरिक अस्थिरता की लड़ाई रही थी। उसने श्रीलंका द्वीप पर भी आक्रमण किया और बर्मा साम्राज्य पर अपना आधिपत्य स्थापित किया।

15 वीं शताब्दी के आसपास साम्राज्य में गिरावट तब तक दर्ज की गयी जब तक कंमाडर सलुवा नरसिंह देव राय और जनरल तुलुव नरस नायक नें क्रमश: 1485 और 1491 में साम्राज्य की ताकत मजबूत करने के ज्यादा प्रयास नहीं किये थे । अंत में साम्राज्य की बागडोर कृष्ण देव राय (तुलुव नरस नायक का पुत्र) के हाथों में आ गयी जिसने विद्रोही सरदारों से युद्ध किया और डेक्कन सल्तनत आक्रमणकारियों को हराकर साम्राज्य को मजबूती प्रदान की। कृष्णदेव राय के शासन में साम्राज्य अपने शिखर पर पहुंच गया था और उसने दक्षिण में अपने सभी अधीनस्थों पर सफल नियंत्रण बनाए रखा था। अपने शासन के दौरान उसने कई स्थापत्य स्मारकों के निर्माण निर्दिष्ट कर कई निर्माण कार्य पूरे भी किये थे।

अच्युत देव राय (कृष्णदेव राय का छोटे भाई) उसका उत्तराधिकारी बना और बाद में उसकी जगह 1529 में सदाशिव राय ने ली थी जबकि वास्तविक शक्ति आलिया राम राय (कृष्णदेव राय का दामाद) के हाथों में निहित थी जिसने अंततः धोखाधड़ी और फूट का फायदा उठाकर शक्ति अपने हाथों में ले ली थी और उत्तर में राजनैतिक प्रभुत्व बढ़ाने के लिए उसने बीजापुर, बरार, गोलकुंडा, अहमदनगर और बीदर की सल्तनत के बीच अशांति पैदा कर दी। कुछ सल्तनतों ने उत्तर में उसके खिलाफ एक गठबंधन का गठन कर दिया और जनवरी 1565 में विजयनगर की सेनाओं के खिलाफ भिड़ गये। विजयनगर विजयी होकर उभरा जबकि आलिया राम राय को कैद कर मौत के घाट उतार दिया गया। इससे विजयनगर साम्राज्य में साधारण सैनिकों के ऊपर अशांति और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी और सल्तनतों  ने उन खंडहरों में अपनी सेना में कटौती कर दी जिसे वह कभी हासिल नहीं कर सके थे। विजयनगर में एकमात्र जीवित कंमाडर तिरुमाला देव राय (राम राय का छोटा भाई) ने एक विशाल खजाने की राशि के साथ साम्राज्य छोड़ दिया।

साम्राज्य में धीरे धीरे गिरावट आने लगी थी जबकि पुर्तगालीयों के साथ व्यापार जारी था और अंग्रजों को मद्रास की स्थापना के लिए एक जमीन आवंटित कर दी गयी थी। श्रीरंग प्रथम (तिरुमाला देव राय का पुत्र) और वेंकट द्वितीय विजयनगर साम्राज्य के अंतिम शासक थे। साम्राज्य शासन के उत्तराधिकारी राम देव राय और वेंकट तृतीय द्वारा एक दशक के लिए विस्तारित कर दिया गया था जिसके बाद साम्राज्य बीजापुर और गोलकुंडा की सल्तनत के हाथों में आ गया। विजयनगर साम्राज्य के सामंतों ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था और इसका असर 18 वीं सदी तक दक्षिण भारत के इतिहास पर पड़ा। टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद 1799 में मैसूर राज्य ब्रिटिश राज के अधीन आ गया था लेकिन भारत की आजादी तक यह एक राजसी राज्य बना रहा था।

पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट

पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट

750-1000 ईस्वी के मध्य उत्तर भारत और डेक्कन में कई शक्तिशाली साम्राज्य पैदा हुए। जिनमें पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट सबसे महत्वपूर्ण थे।

पाल:

पाल राजवंश की स्थापना 750 ईस्वी में गोपाल द्वारा की गयी थी जो पहले एक मुखिया था लेकिन बाद में बंगाल का राजा बन गया था। वास्तव में वह बंगाल का पहला बौद्ध राजा था। गौ़ड राजवंश को उनके गढ़ कामरूप में शिकस्त देने के बाद उसने अपना प्रभुत्व स्थापित किया था। जब उसकी मृत्यु हुयी थी तब बंगाल और बिहार के अधिकांश हिस्से उसके नियंत्रण में थे। बिहार के ओदंतपुरी में एक मठ के निर्माण का श्रेय गोपाल को जाता है।

गोपाल का उत्तराधिकारी धर्मपाल बना था। उसने 770-810 ईस्वी की अवधि के दौरान शासन किया था। उसके शासनकाल के दौरान पाल साम्राज्य उत्तर और पूर्वी भारत में सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बन गया था।

उसने गुर्जर प्रतिहार और राष्ट्रकूटों के खिलाफ एक लंबे समय तक युद्ध लड़ा। गुर्जर प्रतिहार राजा नागभट्ट द्वितीय के खिलाफ अपनी शर्मनाक हार के बावजूद वह पाल साम्राज्य की प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहा और अपने साम्राज्य को पूरे बंगाल तथा बिहार तक विस्तारित किया।

एक प्रसिद्ध बौद्ध राजा धर्मपाल ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की जो भारत में बौद्ध धर्म के अध्ययन का एक प्रसिद्ध केंद्र था। यह विश्वविद्यालय बिहार में भागलपुर के कहलगांव में स्थित है।

धर्मपाल का उत्तराधिकारी देवपाल बना था। उसने अपने साम्राज्य को असम, ओडिशा और कामरूप तक विस्तारित किया। उसके शासनकाल के दौरान पाल सेनाओं ने एक बहुत ही सफल अभियान को अंजाम दिया था।

देवपाल के बाद ऐसे राजा सिंहासन पर विराजमान हुए जो बहुत ही कम जाने जाने थे। तत्पश्चात महिपाल पाल साम्राज्य का राजा बन गया था। उसने 995 ईसवी से 1043 ईसवी तक शासन किया था। उसे पाल राजवंश के दूसरे संस्थापक के रूप में जाना जाता है, उसने पाल साम्राज्य के सभी खोए हुए प्रदेशों को फिर से हासिल कर लिया था।

महिपाल के उत्तराधिकारी कमजोर थे और साम्राज्य पर अपनी पकड़ बरकरार नहीं रख सके थे।

प्रतिहार

गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना 6 वीं शताब्दी ईस्वी में हरीचंद्र द्वारा की गयी थी। वे 11 वीं सदी तक प्रभावशाली बने रहे थे। यह कहा जाता है कि उनका उदय उज्जैन या मंदसौर से हुआ था। नागभट्ट- प्रथम इस वंश का पहला महत्वपूर्ण शासक था। उसने 730 ईसवी से 756 ईसवी तक शासन किया था। उनके साम्राज्य में ग्वालियर,  भरूच और मालवा शामिल था। उसके साम्राज्य की राजधानी अवनि थी।

नागभट्ट प्रथम की उपलब्धि: उसने जुनैद, अरब कमांडर और उसके उत्तराधिकारी तमिन को राजस्थान के युद्ध में पराजित कर दिया था। इससे उसने सफलतापूर्वक अरब आक्रमण के खिलाफ पश्चिमी सीमाओं का बचाव किया था।

वत्सराज एक नये राजा के रूप में नागभट्ट प्रथम का उत्तराधिकारी बना और पाल राजा धर्मपाल को हराकर उसने कन्नौज पर अधिकार स्थापित कर लिया था।

नागभट्ट द्वितीय 805 ईस्वी के आसपास वत्सराज का उत्तराधिकारी बना था। वास्तव में, वह गुर्जर प्रतिहार राजवंश का सबसे प्रख्यात राजा था। उसे, विशेषकर 815 ईस्वी में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए जाना जाता है। मंदिर को 725 ईस्वी में जूनायड की अरब सेनाओं ने नष्ट कर दिया गया था।

मिहिरभोज इस वंश का अन्य मुख्य राजा था। उसका शासनकाल 885 ईस्वी तक चला था। वह एक महान साम्राज्य निर्माता था। उसने युद्धों की एक श्रृखंलाओं में विजय प्राप्त करने के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्रदेशों पर कब्जा कर लिया था। उसने अधिवर्हा का खिताब प्राप्त किया था और ग्वालियर में तेली मंदिर का निर्माण किया था।

हालांकि, 10 वीं सदी में गुर्जर प्रतिहारों की शक्ति में कमी आयी थी और उनके राजा भोज द्वितीय को पाल राजा महिपाल-प्रथम द्वारा शिकस्त का सामना करना पडा था। जल्द ही साम्राज्य विघटित हो गया और सामंतों ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था।

राष्ट्रकूट

राष्ट्रकूट कन्नड़ मूल के थे और उनकी मातृभाषा कन्नड़ थी। राष्ट्रकूट वंश की स्थापना 8 वीं सदी में दन्तिदुर्ग द्वारा की गयी थी। उसने डेक्कन में राष्ट्रकूटों को एक सर्वोच्च शक्ति के रूप में स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसने गुर्जरों को हराने के बाद मालवा पर आधिपत्य कर लिया था। उसने कीर्तिवर्मन द्वितीय को भी पराजित कर चालुक्य राज्य पर आधिपत्य स्थापित कर लिया था।

उसका उत्तराधिकारी कृष्ण प्रथम था जो एक महान साम्राज्य निर्माता था। कृष्ण प्रथम ने वेंगी के पूर्वी चालुक्यों और गंगों के खिलाफ विजय प्राप्त की थी। उसे एलोरा की चट्टानों को काटकर विशालकाय कैलाश मंदिर के निर्माण के लिए जाना जाता है। उसका उत्ताराधिकारी गोविंदा तृतीय रहा था।

अमोघवर्ष प्रथम (815-880 ईस्वी) गोविंदा तृतीय का उत्तराधिकारी बना जिसका शासनकाल अपने सांस्कृतिक विकास के लिए लोकप्रिय था। उसने जैन धर्म का पालन किया। वह कन्नड़ भाषा लिखित एक प्रसिद्ध पुस्तक कविराजमार्ग का भी लेखक था। वह राष्ट्रकूट राजधानी मलखेड या मन्याखेड़ का भी वास्तुकार था।

अमोघवर्ष प्रथम का उत्तराधिकारी कृष्ण तृतीय (936-968 ईस्वी) बना था। जिसे पड़ोसी राज्यों के खिलाफ अपने विजयी अभियान के लिए जाना जाता था। उसने तक्कोतम में चोलों के खिलाफ विजय प्राप्त की थी।

उसने तंजौर के साथ-साथ रामेश्वरम पर भी कब्जा कर लिया था। अमोघवर्ष ने कई मंदिरों का भी निर्माण करवाया था जिनमें रामेश्वरम का कृष्णस्वारा मंदिर भी शामिल था।

उसकी मृत्यु के बाद राष्ट्रकूटों की शक्ति में कमी आई थी

Monday, 20 March 2017

Motivation line

आयुष्यात यशस्वी होण्यासाठी 26......परफेक्ट मंत्र..

Pravin Deshpande

DEVELOP SELF-CONFIDENCE
       (आत्मविश्वास विकास)

1. Empower smiling.
चेहऱ्यावर हास्य असू द्या

2. Relax yourself.
आरामशीर / तणावमुक्त रहा

3. Have a clear understanding.
आपले विचारात सुस्पष्टता असू द्या

4. Avoid misconceived thoughts.
गैरसमज / चुकीचे समज टाळा

5 .Prompt decision - making.
तात्काळ निर्णयक्षमता

6. Avoid inferiority complex.
न्यूनगंड बाळगू नका

7. Believe yourself.
स्वतःवर विश्वास ठेवा

8. Be inspirational.
प्रेरणादायी रहा

9. Develop challenging attitude.
आव्हानात्मक दृष्टिकोन विकसित करा

10. Be a positive thinker.
सकारात्मक विचार ठेवा

11. Have self – encouragement.
स्वयंप्रेरित रहा

12. Avoid procrastination.
चालढकल (दिरंगाई) टाळा

13. Learn lessons from others.
इतरांकडून प्रेरणा घ्या

14. Dont lose your spirit.
हिंमत / धीर सोडू नका

15. Think about time-use.
वेळेचे काटेकोर नियोजन करा

16. Be smart at all costs.
नेहमी चाणाक्ष रहा

17. Be a goal setter.
ध्येय निश्चित करा

18. Be punctual.
तत्पर रहा

19. Focus Involvement.
कामावर लक्ष केंद्रित करा

20. Possess mental alertness.
मानसिकरित्या तत्पर रहा

21. Sharpen your intelligence.
आपली बुद्धीमत्ता अधिक तीक्ष्ण करा

22. Try to be intellectual.
बुद्धीमान बनण्याचा प्रयत्न करा

23. Be co-operative.
सहकार्याची भावना बाळगा

24. Avoid fearful feelings.
मनातील भीतीची भावना टाळा

25. Strengthen your will power.
आपली इच्छाशक्ती प्रबळ असू द्या

26. Never bother about failure.
कधीही अपयशाच्या तणावाखाली राहू नका